tag:blogger.com,1999:blog-2244768094632093259.post1860246938004180278..comments2022-11-19T15:52:12.499+05:30Comments on जय कौशल: एक पेड़ की आत्मकथाJai Kaushalhttp://www.blogger.com/profile/12720289549571287431noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2244768094632093259.post-25827463302793896972011-03-04T12:19:23.030+05:302011-03-04T12:19:23.030+05:30its goodits goodAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2244768094632093259.post-29039059024926362482010-05-19T18:24:49.358+05:302010-05-19T18:24:49.358+05:30जय कौशलजी, सदी और सहज प्रस्तुति के लिए बधाई. आपने ...जय कौशलजी, सदी और सहज प्रस्तुति के लिए बधाई. आपने अपने ब्लाग की शुरुआत भरत प्रसाद जी की कविताओं की लोक गंध से की, यह सुखद है. वैसे भी आजकल की कविताओं में लोक बड़ी ही मुश्किल से दिखाई देता भी तो अपनी-अपनी शर्तों पर. यह सही है इस बीच हमारा लोक भी बदला है, लेकिन जितना वह बदला है, उससे भी कही ज्यादा बदलाव रेखांकित किया जाता है तो आश्चर्य होता है. भारत प्रसाद जी की ये कविताएँ गद्यात्मकता में ही सही, उसके साथ कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों को रेखांकित करती चलती है, उस पर अपनी टिपण्णी करती चलती है. यह अपने आपमें बड़ी बात है. लेकिन हमें उनकी बड़ी रचनात्मकता का इंतजार रहेगा. और उस पर आपकी टिपण्णी का भी. शुक्रिया. पुखराजPUKHRAJ JANGID पुखराज जाँगिडhttps://www.blogger.com/profile/12780240720269882294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2244768094632093259.post-23077865941947851732010-03-12T22:11:55.803+05:302010-03-12T22:11:55.803+05:30भरत प्रसाद जी से परिचय के लिये धन्यवाद ।
गुलमोहर ...भरत प्रसाद जी से परिचय के लिये धन्यवाद ।<br /><br /><a href="http://gulmoharkaphool.blogspot.com/" rel="nofollow">गुलमोहर का फूल</a>Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.com