अध्यापक..
अक्सर मत कहो कि तुम सही हो,
छात्रों को उसे महसूस कर लेने दो
ख़ुद-ब-ख़ुद
सच को थोपो मत..
यह ठीक नहीं है सच के हक़ में,
बोलते हो जो, उसे सुनो भी !!!
अक्सर मत कहो कि तुम सही हो,
छात्रों को उसे महसूस कर लेने दो
ख़ुद-ब-ख़ुद
सच को थोपो मत..
यह ठीक नहीं है सच के हक़ में,
बोलते हो जो, उसे सुनो भी !!!
3 comments:
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
बालदिवस की शुभकामनाएँ!
सटीक मार्ग-दर्शन,शिक्षकों के नाम.
सुन्दर सन्देश....
सादर....
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